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क्या आपको पता है ‘ज़िहाल-ए-मिस्कीं’ का मतलब? जानिए, दिल को छूने वाला अर्थ!

Zihaal e Miskin meaning

अगर आप उन लोगों में से हैं जो ‘ज़िहाल-ए-मिस्कीं’ सुनते ही खो जाते हैं, तो ये आर्टिकल आपके लिए है। गुलजार के इस गाने के शब्द जितने जादुई हैं, उतना ही इसका मतलब भी दिल को छूने वाला है। और अगर आप अब तक इसके असली मतलब से अनजान थे, तो हम आपको इसकी गहराई समझाएंगे।

गुलजार की लेखनी और अमीर खुसरो की कविता से प्रेरित यह गाना सिर्फ शब्दों से नहीं, बल्कि दिल की धड़कनों से बना है। इस गाने का अर्थ सिर्फ एक गहरा दर्द नहीं, बल्कि प्यार का वो रूप है, जो आपको अंदर तक छू जाता है। इसे समझें, और एक बार फिर इस गाने की गहराई में डूब जाएं!

‘ज़िहाल-ए-मिस्कीं’: सिर्फ एक गाना नहीं, प्यार और दर्द का संगम

गुलजार द्वारा लिखे गए इस गाने का संबंध अमीर खुसरो की उस कविता से है, जो फारसी और ब्रजभाषा का संगम है। गाने की शुरुआत ही कुछ इस तरह होती है कि दिल धड़कने लगता है:

“ज़िहाल-ए मिस्कीं मकुन तगाफुल, दुराये नैना बनाये बतियां…”

इसका अर्थ है: “मेरी बेबसी को अनदेखा मत करो, आंखों से दूर रहकर बातें न बनाओ।”

गुलजार ने इन पंक्तियों को अपनी कलम से और भी जीवंत कर दिया।

आखिर, इस गाने का मतलब क्यों है खास?

लोग सालों से इस गाने को गुनगुना रहे हैं, लेकिन इसका सही मतलब समझने पर आपको पता चलेगा कि यह एक अद्भुत कविता से प्रेरित है। ‘ज़िहाल-ए-मिस्कीं’ के शब्द इतने सजीव हैं कि यह प्यार और दर्द की गहराई को एक साथ महसूस कराते हैं।

जब लता मंगेशकर और शब्बीर कुमार की आवाज़ इस गाने में घुल जाती है, तो यह सिर्फ एक गाना नहीं, बल्कि एक इमोशनल सफर बन जाता है। इस गाने के बोल सिर्फ शब्द नहीं हैं, बल्कि प्यार की तकलीफ और जुदाई की सच्चाई हैं।

गुलजार की कलम का जादू

गुलजार साहब की लिखी हर लाइन में एक अलग ही एहसास है। इस गाने में उनकी लिखी पंक्तियों की गहराई को अगर आप समझ जाएं, तो आपको महसूस होगा कि यह गाना महज एक धुन नहीं, बल्कि एक दिल की आवाज़ है।

“जिहाल-ए-मिस्कीं मकुन बरंजिश…” का असली मतलब है “दिल की तकलीफ को समझो, इसे नजरअंदाज न करो।” इस गाने की हर लाइन एक ऐसा अनुभव कराती है, जिसे शब्दों में बयान कर पाना मुश्किल है।

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क्यों इस गाने को लोग आज भी याद करते हैं?

यह गाना सिर्फ म्यूजिक नहीं, बल्कि इमोशन्स की एक मास्टरपीस है। लता मंगेशकर की आवाज़ में जब यह गाना बजता है, तो दिल टूटने का दर्द खुद-ब-खुद सामने आ जाता है। मिथुन और अनीता की स्क्रीन पर केमिस्ट्री, आरडी बर्मन की म्यूजिक कम्पोजीशन और गुलजार की लिखावट ने इस गाने को एक ऐतिहासिक पहचान दी है।

यूट्यूब पर सुने ये सदाबहार गाना!

इस गाने को सुनते हुए मिथुन चक्रवर्ती और अनीता राज की परफॉरमेंस आपको फिर से उस दौर में ले जाएगी, जब बॉलीवुड के गानों में एक अलग ही जादू होता था। यहां पर आपको इस गाने का यूट्यूब लिंक मिलेगा, जहां आप इसे एक बार फिर सुन सकते हैं, और इसके बोलों को नए सिरे से महसूस कर सकते हैं।

अगर आप अब तक इस गाने के असली मतलब से अनजान थे, तो अब वक्त आ गया है कि इसे समझें और फिर से सुनें। गुलजार की कलम और लता दीदी की आवाज़ में ‘ज़िहाल-ए-मिस्कीं’ वो जादू है, जो कभी खत्म नहीं होता। इसे सुनिए और खो जाइए इस जादुई सफर में।

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Published by
Subham Sharma