
2008 में हुए 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के बाद की भारतीय सरकार की प्रतिक्रिया पर केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कड़े शब्दों में अपना पक्ष रखा है। जयशंकर का कहना है कि अगर आज वैसा हमला होता, तो इसका जवाब जरूर दिया जाता। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया कि 2008 में हमलों के बाद कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, और यह एक बड़ी गलती थी। लेकिन अब भारत आतंकवाद से निपटने में पूरी तरह सक्षम है।
26/11 के मुंबई हमले भारत के इतिहास में एक काला दिन है। 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा किया गया यह हमला भारत पर हुआ सबसे बुरा आतंकी हमला था, जिसमें 166 लोगों की जान गई और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए। इस हमले के बाद कई सवाल उठे थे कि क्या भारत ने सही समय पर सही कदम उठाए।
जयशंकर का बयान
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि 2008 के हमलों के बाद भारत ने कोई जवाब नहीं दिया, और यह एक भारी चूक थी। जयशंकर के अनुसार, “अगर आज ऐसा हमला होता, तो हम चुप नहीं बैठते। अब अगर कोई हमारे खिलाफ आतंकी हमला करता है, तो उसे मुंहतोड़ जवाब मिलेगा।”
उन्होंने आगे कहा कि 2008 के हमले के बाद उस समय की सरकार ने कई बैठकें कीं, लेकिन अंत में कुछ नहीं किया गया। कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए जयशंकर ने कहा कि “हमने बहस की, सारे विकल्प देखे और अंत में निर्णय लिया कि हम कुछ नहीं करेंगे।”
पाकिस्तान पर निशाना
जयशंकर ने पाकिस्तान को भी सीधे-सीधे आतंकवाद का समर्थन करने वाला देश बताया। उनका कहना था कि पाकिस्तान ने हमेशा से आतंकवाद को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है, और भारत को इससे निपटने के लिए अधिक कड़ा रुख अपनाना होगा।
जयशंकर के अनुसार, “हमारे पड़ोस में एक देश है जो लगातार आतंकवाद को समर्थन देता है। अगर हमने शुरुआत से ही यह स्पष्ट किया होता कि आतंकवाद किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, तो शायद तस्वीर कुछ और होती।”
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26/11 हमले की यादें
26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों ने मुंबई पर चार प्रमुख जगहों पर हमले किए थे – ताज महल होटल, ओबेरॉय होटल, नरीमन हाउस और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस। इन हमलों में निर्दोष लोग मारे गए थे, और पूरे देश में दहशत का माहौल बन गया था।
इन हमलों में सबसे खतरनाक बात यह थी कि ये आतंकी समुद्री रास्ते से आए थे और उन्होंने मुंबई पर कब्जा करने की योजना बनाई थी।
आज की परिस्थिति
जयशंकर का कहना है कि अब भारत की नीति पूरी तरह से बदल गई है। आज अगर कोई हमला होता है, तो भारत तुरंत कार्रवाई करेगा, जैसा कि उरी और पुलवामा हमलों के बाद किया गया। जयशंकर ने कहा कि अब आतंकवादियों को यह सोचना भी नहीं चाहिए कि वे भारतीय सीमा के बाहर हैं, तो उन्हें छूआ नहीं जा सकता।
जयशंकर के इस बयान ने एक बार फिर से 26/11 हमलों की यादें ताजा कर दी हैं और इस पर सरकार की पिछली नीतियों पर सवाल खड़ा कर दिया है। भारत अब आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रहा है, और जयशंकर का यह बयान दिखाता है कि भारत अब चुप नहीं रहेगा।