
उत्तराखंड सरकार ने ‘थूक जिहाद’ के मामलों पर सख्ती दिखाते हुए बुधवार को नए दिशा-निर्देश जारी किए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भोजन में थूकने की घटनाओं को ‘थूक जिहाद’ करार दिया और इन पर रोक लगाने के लिए सख्त कार्रवाई की घोषणा की है। अब दोषियों पर 25,000 से लेकर 1 लाख रुपये तक का भारी जुर्माना लगाया जाएगा। राज्य पुलिस और स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर इस मुद्दे पर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
थूक जिहाद पर सख्त कानून: CCTV अनिवार्य, होटल और ढाबों में कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन
मुख्यमंत्री धामी के इस ऐलान के बाद राज्य सरकार ने होटल और ढाबों में पुलिस सत्यापन अनिवार्य कर दिया है। साथ ही, सभी होटल, ढाबों, और खाद्य प्रतिष्ठानों में रसोईघर में CCTV कैमरे लगाने का आदेश दिया गया है ताकि खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) अभिनव कुमार ने सभी जिला पुलिस प्रमुखों को इस मामले पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि थूक जिहाद जैसी घटनाओं को रोकने के लिए स्थानीय खुफिया इकाइयों का भी सहयोग लिया जाएगा। इसके साथ ही, पुलिस पेट्रोलिंग के दौरान विशेष ध्यान रखेगी ताकि ऐसे मामलों को तुरंत रोका जा सके।
हाल की घटनाएं: मसूरी और देहरादून में हुई शर्मनाक घटनाएं
उत्तराखंड के मसूरी में हाल ही में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिनपर आरोप था कि वे पर्यटकों को सर्व करने से पहले जूस के गिलास में थूक रहे थे। इसी तरह, देहरादून में एक वायरल वीडियो में एक रसोइए को आटे में थूकते हुए दिखाया गया था, जो रोटियां बनाने के लिए इस्तेमाल हो रहा था।
इन घटनाओं के बाद स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कड़ा संदेश देते हुए कहा कि सरकार त्योहारों के मौसम में खाद्य सुरक्षा और शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए कोई समझौता नहीं करेगी। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि ऐसे कृत्यों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
कानूनी प्रावधान: अपराधियों पर लगेगी धारा 274 और 196(1)(B)
दिशा-निर्देशों के अनुसार, थूक जिहाद जैसी घटनाओं पर भारतीय न्याय संहिता (Bhartiya Nyaya Sanhita) की धारा 274 के तहत खाद्य मिलावट के अपराध के रूप में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा, अगर इस तरह के कार्य से धर्म, जाति, या भाषा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, तो धारा 196(1)(B) (वैमनस्य फैलाना) और धारा 299 का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
लोक जागरूकता अभियान का ऐलान
स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की है, जिसमें कहा गया है कि दोषियों पर सख्त जुर्माना लगाया जाएगा। इसमें न्यूनतम 25,000 रुपये से लेकर अधिकतम 1 लाख रुपये तक का जुर्माना शामिल होगा।
इसके साथ ही, सरकार ने लोकल गवर्नमेंट बॉडीज और जनता के सहयोग से एक जागरूकता अभियान भी शुरू करने की योजना बनाई है ताकि थूक जिहाद जैसी घटनाओं से निपटा जा सके और लोग इसके प्रति सचेत हो सकें।
विपक्ष की प्रतिक्रिया: ‘मुस्लिम विरोधी’ करार
इस कदम को लेकर विपक्ष ने भी सरकार की आलोचना की है। कुछ राजनीतिक दलों ने इसे ‘मुस्लिम विरोधी’ करार देते हुए इसे धार्मिक ध्रुवीकरण का प्रयास बताया। हालांकि, मुख्यमंत्री धामी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह निर्णय खाद्य सुरक्षा और जनता की भलाई के लिए लिया गया है, और इसे किसी धर्म विशेष से जोड़ना गलत है।
जनता की राय: क्या यह सख्ती पर्याप्त है?
उत्तराखंड में थूक जिहाद जैसी घटनाओं पर सरकार की सख्ती को जनता का समर्थन मिला है, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह कदम पर्याप्त होगा? जनता का मानना है कि जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ सरकार को इन घटनाओं को जड़ से समाप्त करने के लिए और कड़े कदम उठाने चाहिए।
अब देखना यह है कि सरकार की इस सख्ती से ऐसी घटनाओं पर रोक लगती है या नहीं। क्या यह कदम जनता को सुरक्षित भोजन सुनिश्चित कर पाएगा?