ग्वालियर के चंदन नगर इलाके में हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया, जिसने वहां के लोगों को बॉलीवुड फिल्म ‘स्त्री’ की याद दिला दी। रात के अंधेरे में किसी महिला द्वारा घरों की डोर बेल बजाने और डरावनी आवाज़ में रोने की घटनाओं ने पूरे इलाके को डर और अफवाहों में जकड़ लिया था। हालांकि, पुलिस जांच के बाद जो सच्चाई सामने आई, वह कई लोगों के लिए चौंकाने वाली थी। आइए जानते हैं क्या है इस घटना की पूरी कहानी।
ग्वालियर के चंदन नगर में कुछ दिनों से अजीब घटनाएं हो रही थीं। आधी रात को किसी महिला द्वारा घर-घर की डोर बेल बजाने की खबरें थीं। लोगों का कहना था कि जब वे दरवाजा खोलने जाते, तो उन्हें सिर्फ किसी के रोने की आवाज़ सुनाई देती थी। देखते ही देखते यह अफवाह फैल गई कि कोई ‘स्त्री’ रात में घरों के बाहर घूम रही है और अपनी डरावनी आवाज में रो रही है। डर इतना बढ़ गया कि लोग रात को दरवाजा खोलने से भी डरने लगे।
इन घटनाओं की शिकायत जब पुलिस तक पहुंची, तो ग्वालियर पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच की। जांच के बाद पता चला कि यह कोई ‘स्त्री’ नहीं, बल्कि एक महिला थी, जो अपने लिव-इन पार्टनर विक्की शाक्य को तलाशने के लिए चंदन नगर में घर-घर की डोर बेल बजा रही थी। महिला का अपने पार्टनर से झगड़ा हो गया था, जिसके बाद वह विक्की को खोजने के लिए निकली, लेकिन विक्की का घर उसे पता नहीं था। इस वजह से वह अनजाने घरों की घंटी बजाती और रोती रही।
इस रहस्यमयी घटना ने पूरे चंदन नगर में खौफ का माहौल पैदा कर दिया। लोगों का कहना था कि उन्हें महिला की आवाज़ बहुत डरावनी लग रही थी और यह सब कुछ फिल्म ‘स्त्री’ जैसी घटना लग रही थी। फिल्म के मशहूर डायलॉग “ओ स्त्री, कल आना” की तर्ज पर, यहां भी लोग डर के मारे अपने दरवाजे बंद करके बैठने लगे थे।
पुलिस के अनुसार, महिला ग्वालियर की ही रहने वाली थी और वह अपने लिव-इन पार्टनर के साथ आपागंज इलाके में रहती थी। 8 जून को हुए झगड़े के बाद विक्की उसे छोड़कर चला गया था, जिसके बाद महिला उसे ढूंढने के लिए चंदन नगर आई थी। महिला विक्की के घर का पता नहीं जानती थी, इसलिए उसने कई घरों की डोर बेल बजाई। हालांकि, इस पूरी घटना में पुलिस ने कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की, क्योंकि महिला का इरादा किसी को डराने का नहीं था।
इस घटना के बाद, सोशल मीडिया पर भी लोगों ने इसे ‘स्त्री’ फिल्म से जोड़ते हुए कई मजेदार टिप्पणियां कीं। कुछ लोगों ने मजाक में कहा कि “ओ स्त्री, कल आना” का असर अब ग्वालियर में भी दिखने लगा है।
इस तरह की घटनाएं सिर्फ अफवाहें ही नहीं, बल्कि समाज में डर और आशंकाओं को बढ़ाती हैं। ग्वालियर की इस घटना ने साबित किया कि कभी-कभी जो हम देख और सुन रहे होते हैं, वह असलियत से बहुत दूर होता है। पुलिस की तत्परता से इस मामले का खुलासा हुआ और लोगों के मन से डर का बादल छंटा।