क्या आपने कभी सोचा था कि आज के जमाने में भी ठग इतने चालाक हो जाएंगे कि कलेक्टर बनकर ही सरपंचों से कमीशन मांगेंगे? जी हां, बलौदा थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक शातिर ठग ने खुद को कलेक्टर बताकर सीसी रोड स्वीकृति के नाम पर 10 लाख रुपये के कमीशन की मांग की।
16 अक्टूबर की दोपहर में चारपारा गांव की सरपंच तुलसी बाई के पति के पास एक कॉल आई। फोन करने वाला शख्स खुद को जांजगीर-चांपा का कलेक्टर बता रहा था। उसने बताया कि गांव में 10 लाख रुपये का सीसी रोड स्वीकृत हुआ है, लेकिन अगर काम जल्दी चाहिए तो एक लाख रुपये कमीशन देना होगा। सरपंच पति का मन कुछ पल के लिए डोल गया—सच में, कमीशन देकर काम हो भी सकता है?
ठग की होशियारी यहीं खत्म नहीं हुई। उसने अन्य ग्राम पंचायतों के सरपंचों को भी यही कहानी सुनाई। नवगवां, बुडगहन, और महुदा के सरपंचों को भी फोन कर बताया कि उनके गांव में भी सड़क का काम स्वीकृत हो गया है। यहां भी कमीशन का वही पुराना फॉर्मूला, लेकिन इस बार ठगी का तरीका कुछ और भी शातिर निकला।
जब नवगवां, बुडगहन और महुदा पंचायतों के सरपंचों ने यह जानकारी जनपद सीईओ आकाश सिंह को दी, तो उन्होंने तुरंत सभी को सावधान किया। यह कोई सरकारी स्कीम नहीं, बल्कि ठगी का नया तरीका है। सीईओ ने चारपारा सरपंच को रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी।
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पुलिस ने इस मामले में तेजी दिखाई और साइबर सेल की मदद से उस नंबर को ट्रेस किया, जिससे फोन किए गए थे। लोकेशन निकली बिलासपुर की। पुलिस ने तुरंत वहां कार्रवाई की और प्रभात चौक से आरोपित दिनेश अजगल्ले को गिरफ्तार कर लिया। उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और अब कानून ने उसे असली “कलेक्टर” दिखा दिया है।
इस घटना से यह साफ हो जाता है कि ठगी के तरीके कितने बदल चुके हैं। आज के दौर में सिर्फ ऑनलाइन बैंकिंग ही नहीं, फोन पर आने वाले अनजान कॉल्स से भी सतर्क रहना जरूरी है। सरकारी अधिकारी के नाम पर कोई भी फोन आए तो एक बार जांच लें, ताकि किसी धोखाधड़ी का शिकार न हों।