महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और अजीत पवार गुट के एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की मुंबई के बांद्रा में गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना शनिवार रात 9:30 बजे की है, जब हमलावरों ने उनके बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के पास उन पर गोलियां दागीं। इस घटना से मुंबई के राजनीतिक और सुरक्षा जगत में हड़कंप मच गया है।
बाबा सिद्दीकी पर कुल छह गोलियां चलाई गईं, जिनमें से चार गोलियां उन्हें लगीं और एक गोली उनके सहयोगी को भी लगी। यह हमला उस समय हुआ, जब बाबा सिद्दीकी अपने बेटे के कार्यालय के पास थे। घटना के तुरंत बाद उन्हें लीलावती अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया और पुलिस को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, “यह घटना बहुत दुखद है। दो हमलावरों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि एक फरार है। मैंने पुलिस से कहा है कि कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि मुंबई में फिर से गैंगवार जैसी स्थिति न उत्पन्न हो।”
बाबा सिद्दीकी, जो तीन बार बांद्रा पश्चिम से विधायक रह चुके थे, अपने राजनीतिक कौशल के लिए जाने जाते थे। वह महाराष्ट्र सरकार में 2004 से 2008 तक राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, श्रम और एफडीए मंत्री रह चुके थे। हाल ही में, उन्होंने कांग्रेस पार्टी को छोड़कर अजीत पवार गुट का समर्थन किया था। उनकी सामाजिक और राजनीतिक हस्ती के अलावा, बाबा सिद्दीकी अपने भव्य इफ्तार पार्टियों के लिए भी मशहूर थे, जहां 2013 में शाहरुख खान और सलमान खान के बीच की ठंडक को खत्म करने का श्रेय भी उन्हें दिया जाता है।
बांद्रा जैसे पॉश इलाके में, जहां बाबा सिद्दीकी को Y-स्तर की सुरक्षा मिली हुई थी, इस तरह की गोलीबारी की घटना ने कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस घटना ने सुरक्षा तंत्र की विफलता को उजागर किया है। विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, “महाराष्ट्र अब उत्तर प्रदेश बनता जा रहा है। मुंबई में ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं क्योंकि अपराधियों में पुलिस का डर नहीं रहा है।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि राज्य की बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने लिखा, “यह बेहद दुख की बात है कि देश की आर्थिक राजधानी में, पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या हो जाती है। अगर सरकार ऐसे ही लापरवाही से राज्य का संचालन करती रही तो आम जनता के लिए यह चेतावनी संकेत हो सकता है। इस मामले की जांच के साथ-साथ जिम्मेदार लोगों को अपने पदों से इस्तीफा देना चाहिए।
पुलिस ने हमले के तुरंत बाद दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक उत्तर प्रदेश और दूसरा हरियाणा का रहने वाला बताया जा रहा है। एक और हमलावर अभी भी फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है। मुख्यमंत्री शिंदे ने इस मामले में गैंगवार जैसी स्थिति से बचने के लिए पुलिस को कड़ी निगरानी और कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
यह घटना महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव से कुछ ही महीने पहले हुई है, जिससे राजनीतिक माहौल और गर्म हो गया है। बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद राज्य की सुरक्षा और कानून व्यवस्था पर उठे सवालों का जवाब देना राज्य सरकार के लिए चुनौती साबित हो सकता है। विपक्ष ने इस घटना को राजनीतिक हत्या बताते हुए सरकार पर निशाना साधा है और कड़ी जांच की मांग की है।