Subham Sharma

मुंबई में अब टोल फ्री एंट्री: ‘चुनावी जुमला’ या ऐतिहासिक कदम? जानें पूरी खबर!

Toll tax Mumbai

मुंबई में एंट्री करने वाले हजारों यात्रियों के लिए बड़ी राहत! महाराष्ट्र सरकार ने घोषणा की है कि आज से मुंबई के पांच प्रमुख टोल नाकों पर हल्के मोटर वाहनों से टोल नहीं वसूला जाएगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को यह ऐतिहासिक फैसला लिया, जिससे मुंबई के दहिसर, मुलुंड, वाशी, ऐरोली और तिन्हंथ नाकों पर टोल समाप्त कर दिया गया है।

“चुनावी जुमला” नहीं, बल्कि जनता की जीत: CM शिंदे की प्रतिक्रिया

विपक्ष ने इस फैसले को ‘चुनावी जुमला’ कहकर खारिज करने की कोशिश की। शिवसेना (UBT) की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने इसे चुनावी कूटनीति करार देते हुए कहा कि सरकार अपने ‘दुर्गति’ से ध्यान हटाने के लिए इस कदम का सहारा ले रही है। इसके जवाब में मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, “यह केवल चुनावी स्टंट नहीं है, यह फैसला जनता की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करने के लिए लिया गया है। टोल नाकों पर यातायात की समस्या और प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से यह ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है।”

टोल माफी का असर: क्या फायदा होगा?

इस टोल माफी के चलते मुंबई में हल्के वाहनों से यात्रा करने वाले लाखों यात्रियों को राहत मिलेगी। जो लोग रोज़मर्रा की यात्राएं करते थे, वे अब 45 रुपये प्रति टोल की बचत कर सकेंगे। इससे न केवल आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि टोल बूथ पर लगने वाली लंबी कतारें और समय की बर्बादी भी खत्म होगी।

राज ठाकरे ने दी बधाई

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा, “मेरे महाराष्ट्र सैनिकों ने लंबे समय से इस मांग के लिए संघर्ष किया है, और आज उनकी मेहनत रंग लाई है।” राज ठाकरे ने सरकार के इस कदम की तारीफ करते हुए कहा कि यह निर्णय जनता के हक में है और पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा कदम है।

विपक्ष के आरोप: “सत्ता बचाने का प्रयास”

मुख्यमंत्री शिंदे के इस ऐलान के बाद विपक्ष ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। प्रियंका चतुर्वेदी ने इसे “बिलकुल नाकाम सरकार” का आखिरी दांव बताया। उन्होंने कहा कि यह फैसला केवल आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उन्होंने यह भी दावा किया कि राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है और यह सरकार जनता का ध्यान असल मुद्दों से हटाने की कोशिश कर रही है।

जनता की राय: राहत या चुनावी चाल?

जहां कुछ लोग इसे ऐतिहासिक कदम मान रहे हैं, वहीं कई इसे चुनाव के पहले सत्ता बचाने की रणनीति के रूप में देख रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस फैसले पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। कई लोगों ने इसे ‘सरकार का मास्टरस्ट्रोक’ कहा, तो वहीं कुछ लोगों ने इसे ‘चुनावी हथकंडा’ करार दिया।

क्या होगा भविष्य में?

अब देखने वाली बात यह होगी कि यह टोल माफी कितना समय तक जारी रहती है और क्या यह फैसला मुंबई की ट्रैफिक समस्याओं को वास्तव में हल कर पाएगा। आगामी चुनावों में इस फैसले का असर जनता के वोट पर कैसा पड़ेगा, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन इतना तय है कि फिलहाल मुंबई के यात्रियों को इससे बड़ी राहत मिली है।

यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्ष की प्रतिक्रिया और सरकार की रणनीति के बीच यह मुद्दा आगामी विधानसभा चुनावों में कैसे उभरता है।

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