Diwali Rangoli: रंगोली, भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, खासकर जब बात दीवाली की हो। इस त्योहार पर घर के आंगन में रंगोली सजाना न केवल सौंदर्य को बढ़ाता है, बल्कि इसके पीछे धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएँ भी जुड़ी होती हैं। रंगोली सिर्फ रंगों का खेल नहीं है, बल्कि यह खुशियों, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा को घर में लाने का प्रतीक है। आइए जानते हैं दीवाली पर रंगोली बनाने का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व।
रंगोली सिर्फ त्योहारों की सजावट नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की गहराईयों से जुड़ी है। खासकर दीवाली पर रंगोली बनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। दीयों की रोशनी और रंग-बिरंगी रंगोली इस त्योहार की रौनक को और भी बढ़ा देती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रंगोली के पीछे एक गहरा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व छिपा है? आइए, इसे समझते हैं।
दीवाली को मां लक्ष्मी के आगमन का दिन माना जाता है, और घर की चौखट पर रंगोली बनाना मां लक्ष्मी का स्वागत करने का सबसे शुभ तरीका है। मान्यता है कि जहां रंगोली बनती है, वहां मां लक्ष्मी का वास होता है और वहां समृद्धि और सुख-शांति का स्थायी निवास हो जाता है। रंगोली में इस्तेमाल किए गए रंग सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं और घर को बुरी शक्तियों से बचाते हैं।
रंगोली बनाने की परंपरा का एक महत्वपूर्ण धार्मिक कारण यह है कि यह देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए बनाई जाती है। दीवाली की रात, जब मां लक्ष्मी घरों में प्रवेश करती हैं, तो उन्हें साफ-सुथरे और सजे हुए घर विशेष रूप से प्रिय होते हैं। रंगोली को मुख्य द्वार पर इसलिए बनाया जाता है ताकि मां लक्ष्मी घर के अंदर आते समय इसे देखें और प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाएं। इसमें खासतौर पर फूलों, दीपों और समृद्धि के प्रतीकों का प्रयोग किया जाता है, जो मां लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय होते हैं।
रंगोली न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति का भी प्रतीक है। जब घर की महिलाएं और बच्चे मिलकर रंगोली बनाते हैं, तो यह परिवार और समाज में एकता और खुशहाली का संदेश देती है। रंगोली बनाना न केवल घर को सजाने का तरीका है, बल्कि यह पारिवारिक और सामुदायिक बंधनों को भी मजबूत करता है।
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रंगोली बनाने का एक वैज्ञानिक कारण भी है। हमारे मनोविज्ञान के अनुसार, रंगों का हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। जब हम रंग-बिरंगी रंगोली बनाते हैं, तो यह हमारे मस्तिष्क में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। इसके अलावा, रंगोली में बनाई गई ज्यामितीय आकृतियाँ और फूलों की डिज़ाइन घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाती हैं और नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखती हैं।
दीवाली पर बनाई जाने वाली रंगोली में अलग-अलग डिज़ाइन्स का विशेष महत्व होता है। कुछ पारंपरिक डिज़ाइन्स जैसे कमल का फूल, दीपक, स्वस्तिक, और देवी लक्ष्मी के चरण, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माने जाते हैं। कमल का फूल मां लक्ष्मी का प्रतीक है, वहीं दीपक को ज्ञान और प्रकाश का संकेत माना जाता है। स्वस्तिक शुभता और सकारात्मकता का प्रतीक है, जो घर में शांति और समृद्धि लाता है।
रंगोली से जुड़ी कई पौराणिक कथाएँ भी प्रचलित हैं। माना जाता है कि समुद्र मंथन के समय जब मां लक्ष्मी प्रकट हुईं, तो उन्होंने खुद को सुंदर और आकर्षक तरीके से सजाया। इस वजह से दीपावली के दिन रंगोली बनाकर मां लक्ष्मी का स्वागत करना बेहद शुभ माना जाता है। इसके अलावा, पौराणिक कथाओं में रंगोली को नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखने और सकारात्मकता को आकर्षित करने का एक साधन माना गया है।
दीवाली पर रंगोली बनाना केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि यह समृद्धि, सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा को घर में बुलाने का तरीका है। यह मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का सबसे सरल और सुंदर उपाय है, साथ ही यह हमारे परिवार और समाज में एकता और खुशी का प्रतीक है। इस दीवाली, अपने घर को रंग-बिरंगी रंगोली से सजाएं और मां लक्ष्मी की कृपा का आनंद लें।