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दीवाली पर कौन से ग्रह लाएंगे खुशियों की बौछार? जानिए ज्योतिषीय महत्व!

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दीवाली, भारत का सबसे प्रमुख पर्व, न केवल प्रकाश और खुशियों का उत्सव है, बल्कि इसका गहरा ज्योतिषीय महत्व भी है। ग्रह-नक्षत्रों की विशेष स्थिति इस दिन को और भी शुभ बना देती है, जब मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कि ज्योतिषीय दृष्टिकोण से दीवाली का यह पर्व क्यों इतना खास है।

दीवाली का त्योहार भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस पर्व के पीछे ग्रह-नक्षत्रों का भी अहम योगदान है? ज्योतिषीय दृष्टिकोण से दीवाली का समय ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति के आधार पर अत्यधिक शुभ माना जाता है। आइए, जानते हैं दीवाली के दिन ग्रह-नक्षत्रों की क्या भूमिका होती है और कैसे इनसे आपके जीवन में समृद्धि आ सकती है।

दीवाली और सूर्य-चंद्र की युति

दीवाली के दिन ज्योतिषीय रूप से सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस दिन सूर्य और चंद्रमा की युति होती है। यह युति शुभ मानी जाती है और इसे समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। जब चंद्रमा अमावस्या के दिन सूर्य के साथ होता है, तो यह नई शुरुआत का संकेत देता है। इस समय ग्रहों की यह स्थिति हमें हमारे जीवन में नए अवसरों को अपनाने और समृद्धि प्राप्त करने का आह्वान करती है।

शुक्र और गुरु का प्रभाव: समृद्धि और सौभाग्य का संकेत

दीवाली के समय शुक्र और गुरु ग्रह की विशेष स्थिति भी अत्यधिक महत्त्वपूर्ण होती है। शुक्र ग्रह को प्रेम, धन, और ऐश्वर्य का प्रतीक माना जाता है। जब शुक्र ग्रह का प्रभाव दीवाली के दिन चरम पर होता है, तो यह मान्यता है कि मां लक्ष्मी की कृपा और अधिक प्राप्त होती है। इसके अलावा, गुरु ग्रह ज्ञान, समृद्धि और विकास का प्रतीक है। दीवाली पर गुरु ग्रह का प्रभाव हमें दीर्घकालिक सफलता की ओर ले जाता है और हमें जीवन में संतुलन और सकारात्मकता प्राप्त करने में मदद करता है।

स्वाति नक्षत्र और मां लक्ष्मी की पूजा का महत्व

दीवाली के समय स्वाति नक्षत्र का खास महत्व होता है। इस नक्षत्र को ज्योतिष में अत्यधिक शुभ माना गया है और इसे समृद्धि और उन्नति का कारक माना जाता है। इस नक्षत्र के समय मां लक्ष्मी की पूजा करना अत्यधिक लाभकारी होता है। माना जाता है कि इस समय की गई पूजा से मां लक्ष्मी अत्यधिक प्रसन्न होती हैं और घर में धन-धान्य की वर्षा होती है।

पंचांग के अनुसार दीवाली पर शुभ मुहूर्त

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दीवाली पर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त का निर्धारण पंचांग के आधार पर किया जाता है। इस मुहूर्त के दौरान की गई पूजा से विशेष फल की प्राप्ति होती है। यह समय वह होता है जब ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति अत्यधिक अनुकूल होती है और यह हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और सफलता का आगमन करता है।

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ज्योतिषीय उपाय: कैसे ग्रह-नक्षत्रों से प्राप्त करें अधिक लाभ?

दीवाली पर ग्रह-नक्षत्रों की शक्ति का अधिकतम लाभ उठाने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कुछ उपाय बताए गए हैं:

धन प्राप्ति के लिए: दीवाली के दिन हरे रंग की चीजों का दान करने से गुरु ग्रह का शुभ प्रभाव प्राप्त होता है और इससे आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।

शुक्र ग्रह की कृपा: दीवाली की रात सफेद रंग के कपड़े पहनकर मां लक्ष्मी की पूजा करें और चावल, दूध और सफेद मिठाइयों का भोग लगाएं।

स्वाति नक्षत्र के प्रभाव को बढ़ाने के लिए: दीवाली के दिन घर के मुख्य दरवाजे पर स्वस्तिक का चिह्न बनाएं और आंगन में रंगोली सजाएं, इससे नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मकता का वास होता है।

दीवाली का पर्व न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण है, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी इसका गहरा प्रभाव है। ग्रहों और नक्षत्रों की स्थिति इस समय अत्यधिक शुभ होती है, जिससे हमारे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आ सकते हैं। इस दीवाली, मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए इन ज्योतिषीय उपायों का पालन करें और अपने जीवन में सुख-समृद्धि लाएं।

Disclaimer: यह लेख ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है। दी गई जानकारी की सटीकता की जिम्मेदारी लेखक की नहीं है। पाठकों से अनुरोध है कि वे इसे अपनी विवेकानुसार अपनाएं।

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Published by
Subham Sharma