क्या सोशल मीडिया एक “डोपामीन ट्रैप” है? – मनोविज्ञान की रोचक सच्चाई
आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया हमारी जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है। हम सुबह उठते ही सबसे पहले मोबाइल चेक करते हैं – कितने लाइक आए? कौन-कौन ने कमेंट किया? कोई नई नोटिफिकेशन तो नहीं? आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यह सब सिर्फ आदत या टाइम पास नहीं है, बल्कि ...