टीम इंडिया के लिए इस टेस्ट सीरीज में न्यूज़ीलैंड की टीम पूरी तरह से खलनायक बन चुकी है। पहले टेस्ट में मात खाने के बाद, दूसरे टेस्ट में भी भारतीय खिलाड़ी मैदान पर संघर्ष करते नजर आ रहे हैं। क्या हमारी टीम वाकई टेस्ट खेल रही है या कोई ‘बैठ-देखो’ प्रतियोगिता?
दूसरे टेस्ट मैच का दूसरा दिन खत्म होते-होते भारत का हाल किसी गिरती हुई इमारत जैसा हो गया है। 301 रन से पीछे, और हालात ऐसे कि टीम में कोई योजना नहीं दिख रही। न्यूज़ीलैंड ने इस बार भी भारतीय खिलाड़ियों को अपने स्पिन जाल में बुरी तरह फंसा लिया है।
वाशिंगटन सुंदर ने चार विकेट लिए और अकेले ही मैदान पर लड़ते दिखे। पर बाकी खिलाड़ियों का प्रदर्शन सवालों के घेरे में है। अश्विन, जडेजा जैसे स्पिनर जो घरेलू मैदानों पर हमेशा चमकते हैं, इस बार बिलकुल फीके नजर आ रहे हैं। बल्लेबाजों का हाल तो ऐसा है मानो उन्हें पता ही नहीं कि गेंद का सामना कैसे करना है!
टेस्ट क्रिकेट की सबसे बड़ी खूबसूरती है उसकी धैर्यपूर्ण बैटिंग। लेकिन इस बार भारतीय टीम का बैटिंग क्रम इतना बिखरा कि न्यूज़ीलैंड के मिच सेंटनर जैसे गेंदबाज भी स्टार बन गए। सिर्फ 156 रन बनाने के बाद भारतीय बल्लेबाजों की हालत ऐसी हो गई है, जैसे उन्हें बल्ला पकड़ना ही नहीं आता।
गौतम गंभीर की कोचिंग में भारतीय टीम लगातार संघर्ष कर रही है। और रोहित शर्मा की कप्तानी पर भी सवाल उठ रहे हैं। टीम में स्पष्टता की कमी है, और खिलाड़ियों के अंदर वो जोश नजर नहीं आ रहा, जो एक वर्ल्ड क्लास टीम से उम्मीद की जाती है।
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ट्विटर और इंस्टाग्राम पर भारतीय प्रशंसक टीम की हालत देखकर निराश हैं। “टीम इंडिया का अगला मैच कब है? ताकि मैं देख सकूं कि हम कितने रन से हारेंगे,” जैसी टिप्पणियां वायरल हो रही हैं। वहीं, कुछ लोग कह रहे हैं कि भारतीय बल्लेबाजों का टेस्ट क्रिकेट से मोहभंग हो गया है!
न्यूज़ीलैंड के खिलाफ इस टेस्ट सीरीज में भारत का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। टीम इंडिया को अपनी रणनीति और आत्मविश्वास पर काम करना होगा, नहीं तो ये टेस्ट सीरीज उनके लिए एक बुरा सपना साबित हो सकती है।