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India vs New Zealand: रनों के लिए तरसी टीम इंडिया, 12 साल बाद हारी टेस्ट सीरीज

India lost test New Zealand won
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India vs New Zealand: भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच 2024 की टेस्ट सीरीज एक ऐसा झटका लेकर आई है, जिसे भारतीय क्रिकेट फैंस शायद ही कभी भूल पाएंगे। 12 साल बाद घरेलू मैदान पर टीम इंडिया को इस तरह हारते देखना, सचमुच एक दर्दनाक अनुभव रहा। लेकिन क्या सिर्फ हार ही हजम करना है या कुछ सीख भी मिली?

भारत की शानदार क्रिकेट विरासत पर इस सीरीज में न्यूज़ीलैंड ने बड़ा धक्का मारा। पहले दो मैच हारकर भारत ने सीरीज भी गंवा दी और फैंस के दिल भी। भारतीय बल्लेबाजों की कमजोरी और गेंदबाजों की बेचारगी ने साबित कर दिया कि वर्ल्ड क्रिकेट में चैंपियन होने का दावा करना अब इतना आसान नहीं रह गया है।

इतिहास रचने का मौका, लेकिन…

पहले मैच में न्यूज़ीलैंड ने भारत को 113 रनों से हराकर 36 साल में पहली बार भारत में टेस्ट मैच जीता। वहीं, दूसरे मैच में तो टीम इंडिया जैसे मैदान पर टिक ही नहीं पाई। रिकॉर्ड टूटते चले गए, लेकिन वे रिकॉर्ड हमारी हार और कमजोरी की कहानी कह रहे थे।

क्या गलत हुआ?

भारतीय टीम की बल्लेबाजी पहले मैच में किसी ‘हॉरर शो’ से कम नहीं थी। 46 रन पर पूरी टीम सिमट गई, जो घरेलू मैदान पर भारत का सबसे कम स्कोर है। इसके बाद क्या होना था? न्यूज़ीलैंड की टीम ने सधी हुई बल्लेबाजी और धैर्य से भारत के गेंदबाजों को थका दिया।

दूसरे मैच में भी कहानी कुछ अलग नहीं थी। यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल ने अच्छी शुरुआत दी, लेकिन मिडल ऑर्डर का पतन भारत के लिए हार का कारण बना। रोहित शर्मा की कप्तानी पर सवाल खड़े हो गए हैं।

न्यूज़ीलैंड का ऐतिहासिक प्रदर्शन

न्यूज़ीलैंड ने इस सीरीज में न केवल भारत को हराया, बल्कि कई रिकॉर्ड भी तोड़ दिए। गेंदबाज मिच सेंटनर ने भारतीय बल्लेबाजों को अपने स्पिन जाल में फंसा लिया, और बल्ले से भी किवी खिलाड़ियों ने भारतीय गेंदबाजों का जमकर सामना किया। ऐसा लग रहा था मानो भारत अपनी ही धरती पर एक अतिथि बनकर खेल रहा हो।

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फैंस का रिएक्शन

सोशल मीडिया पर भारतीय फैंस का गुस्सा उफान पर है। एक यूजर ने ट्वीट किया, “लगता है हमारी टीम सिर्फ टी20 खेलने के लिए बनी है, टेस्ट क्रिकेट से मोहभंग हो गया है!” वहीं, एक और यूजर ने मजाक में लिखा, “अब तो शायद क्रिकेट खेलना छोड़कर कबड्डी में हाथ आजमाना चाहिए।”

आगे क्या?

तीसरे मैच में अब भारत के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है। लेकिन जीतना इतना आसान भी नहीं होगा। यह सीरीज भारतीय क्रिकेट के लिए एक सबक बनकर आई है, कि सिर्फ नाम और इतिहास से मैच नहीं जीते जाते, मैदान पर प्रदर्शन भी करना पड़ता है। टीम मैनेजमेंट को अपनी रणनीतियों पर गहराई से सोचना होगा, खासकर विदेशी खिलाड़ियों के खिलाफ।

भारतीय क्रिकेट टीम की इस हार ने बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया है। शायद अब समय आ गया है कि हम अपनी कमियों को स्वीकारें और उन्हें सुधारने की दिशा में काम करें। वरना, आगे भी न्यूज़ीलैंड जैसी टीमें हमें ऐसी ही मात देती रहेंगी।

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Published by
Subham Sharma