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भारत में मौजूद 6 जगहें, जहां भारतीयों का ही कदम रखना है सख्त मना

Indians are not allowed at these places in India

भारत अपनी विविधता और सुंदरता के लिए जाना जाता है। हिमालय की बर्फीली चोटियों से लेकर केरल के बैकवॉटर्स तक, हर जगह भारतीय और विदेशी सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारे अपने देश में कुछ ऐसी जगहें भी हैं, जहां भारतीय नागरिकों का प्रवेश वर्जित है? जी हां, ऐसी जगहें भी हैं जो केवल विदेशी नागरिकों के लिए आरक्षित हैं या फिर अत्यधिक सुरक्षा कारणों से भारतीयों की एंट्री पर प्रतिबंध है। आइए, जानते हैं ऐसी जगहों के बारे में, और क्यों वहां भारतीयों की नो एंट्री है।

1. नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड्स, अंडमान और निकोबार

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प्रमुख कारण: यहाँ पर दुनिया की सबसे पुरानी आदिवासी जनजाति सेंटिनल रहते हैं, जो बाहरी दुनिया से किसी भी प्रकार का संपर्क नहीं रखना चाहते। इस इलाके में बाहरी व्यक्ति जाने की कोशिश करता है तो इस जनजाति के लोग हिंसक हो जाते हैं। सरकार ने भी यहाँ भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए नो एंट्री लगा दी है। भारतीय सेना का यहाँ प्रवेश मना है और कानूनन भी इस आइलैंड पर जाने की मनाही है। माना जाता है कि ये जनजाति 60,000 साल पुरानी है, और इनके अधिकारों की रक्षा के लिए यह कदम उठाया गया है।

2. अक्साई चीन, लद्दाख

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प्रमुख कारण: यह स्थान लद्दाख में होने के बावजूद विवादित क्षेत्र है। 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान चीन ने इस क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया था। भारत इस जगह को अपना हिस्सा मानता है, लेकिन यह क्षेत्र अब चीन के अधीन है। अक्साई चीन की सुंदरता देखने लायक है, जहां खारे तालाब, वैली और कराकाश नदी का अद्भुत नजारा मिलता है। मगर, यहां भारतीयों का प्रवेश संभव नहीं है क्योंकि यह एक हाई-सिक्योरिटी जोन है और इसे अब भी विवादित क्षेत्र माना जाता है।

3. बैरन आइलैंड, अंडमान

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प्रमुख कारण: भारत का इकलौता सक्रिय ज्वालामुखी यहीं स्थित है, जो बैरन आइलैंड का हिस्सा है। इस स्थान की भौगोलिक स्थिति और सुरक्षा कारणों के चलते भारतीय नागरिकों का इस द्वीप पर प्रवेश वर्जित है। इस आइलैंड की सुंदरता को दूर से देखा जा सकता है, लेकिन यहां किसी भी प्रकार की बाहरी गतिविधि पर प्रतिबंध है। इसे भी पर्यटकों के लिए नो एंट्री जोन घोषित किया गया है।

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4. BARC, मुंबई

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प्रमुख कारण: यह भारत का प्रतिष्ठित परमाणु अनुसंधान केंद्र है, जहां देश की सुरक्षा और वैज्ञानिक प्रयोग होते हैं। इस जगह पर सिर्फ शोधकर्ता, स्टूडेंट्स और परमाणु वैज्ञानिकों को ही प्रवेश की अनुमति है। इसके अलावा, बाहरी लोगों और सामान्य पर्यटकों के लिए यह क्षेत्र पूरी तरह प्रतिबंधित है। रिसर्च और सुरक्षा कारणों से यह भारत के सबसे सुरक्षित स्थलों में से एक है।

5. कुछ लक्षद्वीप के द्वीप

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प्रमुख कारण: लक्षद्वीप का द्वीप समूह 36 द्वीपों का घर है। इनमें से अधिकांश द्वीपों पर भारतीय नागरिकों का जाना मना है, क्योंकि यह क्षेत्र सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं। साथ ही, यहाँ पर स्थानीय निवासियों के हितों की रक्षा और पर्यावरण को बचाए रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है। हाँ, कुछ आइलैंड्स जैसे अगत्ती, कावारत्ती, और मिनिकॉय में पर्यटन की अनुमति है, लेकिन यहाँ भी विशेष परमिट की आवश्यकता होती है।

6. त्सो ल्हामो झील (चोलामू लेक), सिक्किम

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प्रमुख कारण: दुनिया की सबसे ऊंची झीलों में से एक, त्सो ल्हामो झील सिक्किम में स्थित है और तिब्बत बॉर्डर के काफी करीब है। यह स्थान इतना संवेदनशील है कि यहां केवल भारतीय सेना, सिक्किम पुलिस और प्रशासन ही जा सकते हैं। पर्यटकों के लिए यह झील प्रतिबंधित क्षेत्र है। यह जगह प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन सुरक्षा कारणों के चलते यहां किसी भी नागरिक का प्रवेश वर्जित है।

भारत में कुछ ऐसी अनोखी जगहें हैं जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक महत्व और सुरक्षा कारणों से पर्यटकों के लिए आकर्षक हैं। लेकिन इन्हें विवादित स्थिति और विशेष संरक्षण के कारण भारतीय नागरिकों के लिए बंद कर दिया गया है। चाहे वह नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड्स हो जहां जनजातियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है, या अक्साई चिन जो चीन के कब्जे में है – ये सभी स्थान अनोखे होते हुए भी भारतीयों के लिए बंद हैं।

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